श्रीमती नाज़ रिज़वी निदेशक भारत सरकार राष्ट्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
राष्ट्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय (रा.प्रा.वि.सं.), को विश्व पर्यावरण दिवस पर, 5 जून, 1978 को मंडी हाउस में आम जनता के लिए खोला गया। यह पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन है। इसे अनौपचारिक माध्यमों जैसे विभिन्न विषयगत गैलरियों, प्रदर्शनियों, फिल्मों और शैक्षिक गतिविधियों के ज़रिए समाज को प्रकृति और पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था।
राष्ट्रीय संस्थान के रूप में, राष्ट्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय के देश में पर्यावरण जागरूकता फैलाने और संरक्षण शिक्षा को बढ़ावा देने के दायित्व को महसूस करते हुए, सातवीं योजना के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में चरणबद्ध तरीके से क्षेत्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय (क्षे.प्रा.वि.सं.) के रूप में क्षेत्रीय कार्यालय बनाए जाने का निर्णय लिया गया ताकि क्षेत्रीय और राज्य स्तर पर रा.प्रा.वि.सं. की गतिविधियों का विस्तार किया जा सके।
तदनुसार, पहले क्षेत्रीय कार्यालय की शुरुआत 1995 में ‘‘दक्षिणी क्षेत्र’’ में मैसूर (कर्नाटक) में की गई थी। दूसरा, 1997 में ‘‘मध्यक्षेत्र’’ के लिए भोपाल (मध्यप्रदेश) में विकसित किया गया था। देश के ‘‘पूर्वी क्षेत्र’’ में तीसरा क्षेत्रीय संग्रहालय, भुवनेश्वर (उड़ीसा) में स्थापित किया गया और 2004 से इसका संचालन प्रारंभ हुआ। चौथा ‘‘पश्चिमी क्षेत्र’’ के सवाई माधोपुर में स्थित क्षेत्रीय कार्यालय 2008 में स्थापित किया गया। ‘‘उत्तर-पूर्वीक्षेत्र’’ में पाँचवाँ क्षेत्रीय कार्यालय गंगटोक (सिक्किम) में स्थापित किया जाना है। अप्रैल, 2016 में संग्रहालय में आग लगने की दुर्घटना के बाद, रा.प्रा.वि.सं. सीजीओ कॉम्प्लेक्स, लोधी रोड, नई दिल्ली से कार्य कर रहा है। रा.प्रा.वि.सं. के स्थायी भवन का निर्माण कार्य प्रगति मैदान, भैंरो मंदिर मार्ग, नई दिल्ली में चल रहा है।