क्षेत्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय (क्षे.प्रा.वि.सं.), मैसूर, राष्ट्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय, नई दिल्ली; (पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार) का प्रथम स्थापित क्षेत्रीय केंद्र है। इसे विशेष रूप से देश के दक्षिणी क्षेत्र के लिए तैयार किया गया था। वर्षभर अपनी स्थाई गैलरियों, इन-हाउज़ और आउटरीच शैक्षिक कार्यक्रमों के माध्यम से देशभर में अनौपचारिक पर्यावरण शिक्षा के विस्तार की परिकल्पना को मैसूर में इस दक्षिणी केंद्र की स्थापना के साथ ही मूर्त रूप मिलना प्रारंभ हुआ।
क्षे.प्रा.वि.सं., मैसूर कार्यालय की स्थापना 1988 में की गई थी और संग्रहालय में गैलरियों का उद्घाटन 20 मई 1995 को किया गया था। यह मैसूर की प्रसिद्ध चामुंडी पहाड़ियों में करणजी नेचर पार्क और चामराजेन्द्र जूलॉजिकल गार्डन (मैसूर चिड़िया घर) के निकट स्थित है, 5.25 एकड़ की यह भूमि कर्नाटक सरकार द्वारा निःशुल्क प्रदान की गई है। मैसूर का “लंग स्पेस” कहलाने वाला 4600 वर्ग मीटर में फैला यह विशाल क्षेत्र हरियाली से भरपूर है।