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राष्ट्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार
Ministry of Environment,
Forest and Climate Change

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पिछला नवीनीकरण February 25, 2021

संग्रहालय की विशिष्टता

 

  • राजीव गाँधी क्षेत्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय, सवाई माधोपुर अपनी विषयगत गैलरियों, प्रदर्शनियों, शैक्षिक गतिविधियों, जैव विविधता पार्क, पुस्तकालय, सभागार, औषधीय उद्यान, कैक्टस और सक्यूलेंट गार्डन, हरे-भरे परिसर और अपने अनोखे किले जैसे दिखने वाले भवन के कारण प्रति माह 20000 से अधिक आगंतुकों (भारतीय एवं विदेशी दोनों) को आकर्षित करता है।
  • राजीव गाँधी क्षेत्रीय प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय, सवाई माधोपुर ने वर्षभर शैक्षिक कार्यक्रम/गतिविधियों के लिए ग्रामीण  एवं  शहरी विद्यार्थियों से सीधे संपर्क    हेतु 2500 से अधिक स्कूलों, कॉलेजों, संस्थानों और गैर-सरकारी संगठनों आदि (व्हाट्सएप, ई-मेल पर) को लिंक किया।
  • निदेशानुसार शिक्षा विशेषज्ञ स्टाफ द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में शैक्षिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।
  • परिसर का विकसित जैव विविधता पार्क और डायनासोर, हाथी, बाघ, तेंदुआ, जंगली सूअर, चित्तीदार हिरण, सारस क्रेन, ग्रेट हॉर्नबिल, घड़ियाल के फाइबर माॅडल और ग्रासहॉपर, एगारिकस/मशरूम, मधुमक्खियों, किंग कोबरा, हरे कछुए आदि के विशाल फाइबरस मॉडल  ज्ञानवर्धक वर्णन  सहित  बाहर प्रदर्शित किए गए हैं। 
  • मरूस्थल के कठिन जीवन के प्रति लोगों को शिक्षित करने के लिए कैक्टस और सक्यूलेंट गार्डन बनाया गया है ।
  • विकसित औषधीय गार्डन/हर्बल गार्डन जिसमें शैक्षिक उद्देश्य से औषधियों का वर्णन भी दिया गया है।
  • जल पारिस्थितिकी तंत्र को  प्रदर्शित करता  बड़ा और सुंदर वाटर लिली तालाब ।
  • जलीय जीवन को प्रदर्शित करता एक्वैरियम।
  • संग्रहालय के हरे-भरे परिसर में डायनासोर  के युग (द मेसोजोइक एरा)  को दर्शाता 35 फीट लंबा एलोसॉरस फाइबर मॉडल (उचित लेबल सहित)।
  • केंद्रीय लॉन में कोटा लाल सैंडस्टोन से बना तीन स्तरीय बड़ा और सुंदर फव्वारा लगाया गया है जो इस संग्रहालय के सौंदर्य को बढ़ाता है।
  • बेसमेंट क्षेत्र में 120 से अधिक चैपहिया वाहनों के लिए पार्किंग क्षेत्र।
  • पाठ्यक्रम आधारित विषयगत गैलरियों और प्रदर्शनियों तथा ‘वॉक थूरू फॉरेस्ट’ का  निर्माण।
  • विशाल संग्रहालय भवन में वर्षा जल-संचयन प्रणाली (रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम)  का प्रयोग किया जाता है। भूजल को रिचार्ज करने के लिए इसे दो(400 फीट गहरे ) बोरवेलों से जोड़ा गया है। इस प्रणाली को शैक्षिक प्रयोजन हेतु भी प्रयोग किया जा रहा है।
  • संग्रहालय के बड़े बाग़ के जैविक पदार्थ ( हरित कचरा जैसे पत्ते आदि) से वर्मी-कंपोस्टिंग द्वारा जैविक खाद बनाई जाती है।
  • भूमिगत पार्किंग से  द्वितीय तल तक लिफ्ट की सुविधा उपलब्ध है।
  • दिव्यांगजन की सुविधा हेतु टैक्टाइल रास्ता बनाया गया है तथा इसे सभी गैलरियों  और प्रदर्शनियों से जोड़ा गया है।
  • मॉडलिंग और कला अनुभाग  तथा  तकनीकी एकक द्वारा आगंतुकों को ज्ञानवर्धक लाइव प्रस्तुति दी जाती है।
  • संग्रहालय स्थानीय कलाकारों को वन्यजीव से संबंधित विभिन्न चित्रकारी (ऑयल, एक्रीलिक, वॉटर कलर, ब्लैक लैंप सूद आदि) प्रदर्शित करने तथा वैश्विक स्तर तक पहुँच बनाने का मंच प्रदान करता है। संग्रहालय में खास इन कलाकारों को समर्पित एक अलग गैलरी बनाई गई है जिसमें इनकी वन्यजीव चित्रकारी को प्रदर्शित किया जाता है।

 

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